Mukhyamantri Swarojgar Yojana | मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

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Mukhyamantri Swarojgar Yojana | मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना – एक परिचय

संपूर्ण विश्व वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से झूज रहा है। इस वैश्विक महामारी कोरोना ने न सिर्फ मानव की जान ली बल्कि लोगों से उनका आय का साधन भी छीन लिया। अतः देश व दुनिया का एक बहुत बड़ा तबका बेरोजगार हो गया। एक ओर जहाँ इस महामारी ने लोगों से उनके अपनो को छीना वहीं दूसरी लोगों को बेरोजगार करके उनपर दोहरी मार मारी।

इस विकट परिस्थित को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य के ऐसे उद्यमशील युवाओं, उत्तराखण्ड के ऐसे प्रवासियों, जो कोविड-19 के कारण उत्तराखण्ड राज्य में वापस आये हैं, कुशल एवं अकुशल दस्तकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों आदि को अभिप्रेरित कर स्वयं के उद्योग / व्यवसाय की स्थापना हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उद्यम, सेवा अथवा व्यवसाय की स्थापना हेतु राष्ट्रीयकृत / अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से निम्नांकित मार्गदर्शक सिद्धान्तों के अधीन Mukhyamantri Swarojgar Yojana “मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना” शुरू की है।

उत्तराखण्ड सरकार की यह योजना कोविड-19 महामारी की वजह से बेरोजगार हुए एक बड़े वर्ग के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से “मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना” के विषय में संपूर्ण जानकारी हासिल करते हैं।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य

उत्तराखंड के प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही Mukhyamantri Swarojgar Yojana का मुख्य उद्देश्य कोविड-19 महामारी में बेरोजगार हुए वर्ग को पुनः स्वरोजगार प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिती को मजबूती प्रदान करना एंव उन्हें सशक्त करना है।

योजना का उद्देश्य प्रदेश के ऐसे उद्यमशील युवाओं, उत्तराखण्ड के ऐसे प्रवासियों, जो कोविड-19 के कारण उत्तराखंड राज्य में वापस आये हैं, कुशल एवं अकुशल दस्तकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों आदि को अभिप्रेरित कर स्वयं के उद्यम / व्यवसाय की स्थापना हेतु प्रोत्साहित करना है। योजनान्तर्गत ऐसे उद्यमशील युवा उद्यमी, जो राज्य के मूल अथवा स्थायी निवासियों और जो स्वरोजगार करना चाहते हैं, को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने एवं स्वयं के उद्यम, सेवा एवं व्यवसाय को प्रारम्भ करने हेतु राष्ट्रीयकृत बैंकों / अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों / सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराना है, ताकि उद्यमशील व्यक्ति / युवा अपना स्वयं का रोजगार प्रारम्भ कर सके।

योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

1. स्वरोजगार हेतु नये सेवा, व्यवसाय तथा सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना कर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन।

2. युवा उद्यमियों, उत्तराखण्ड के ऐसे प्रवासियों, जो कोविड-19 के कारण उत्तराखण्ड राज्य में वापस आये हैं, कुशल व अकुशल दस्तकारों / हस्तशिल्पियों तथा शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों को यथासम्भव उनके आवासीय स्थल के पास रोजगार के अवसर सुलभ कराना।

3. पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकना।

क्या होगी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कार्यविधि –

Mukhyamantri Swarojgar Yojana के माध्यम से ऐसे उद्यमशील युवाओं/युवतियों, उत्तराखण्ड के ऐसे प्रवासियों, जो कोविड-19 के कारण उत्तराखंड राज्य में वापस आये हैं, कुशल एवं अकुशल दस्तकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों को स्वरोजगार की ओर अभिप्रेरित करने, उन्हें आवश्यक मार्ग-दर्शन देने, विभिन्न स्वरोजगार एवं उद्यम स्थापना से सम्बन्धित सभी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने तथा संचालित योजनान्तर्गत लाभान्वित कराये जाने की विशेष व्यवस्था जिला उद्योग केन्द्रों के माध्यम से की जायेगी। सरकार द्वारा इन उद्यमशील व्यक्तियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर किया जाऐगा। आइए जानते हैं कि स्वरोजगार के लिए सरकार आर्थिक रूप से किस प्रकार मदद करेगी व कितना सहयोग करेगी।

बैंकों द्वारा ऋण एवं अनुदान –

1. Mukhyamantri Swarojgar Yojana के अन्तर्गत राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों व अन्य शिड्यूल्ड बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा व व्यवसायिक गतिविधियों की स्थापना के लिए वित्त पोषण किया जायेगा तथा उक्त के सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा योजनान्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी जायेगी। विनिर्माणक क्षेत्र के उद्यम के लिए परियोजना की अधिकतम लागत रु.25 लाख तथा सेवाव्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत रु.10 लाख होगी

2. Mukhyamantri Swarojgar Yojana के अन्तर्गत एम०एस०एम०ई० नीति-2015 (यथासंशोधित, 2016, 2018 व 2019) में वर्गीकृत श्रेणी A में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा व मात्रा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत (विनिर्माणक गतिविधि के लिए अधिकतम रु.6.25 लाख तथा सेवा व व्यावसायिक गतिविधि के लिए रु.2.50 लाख), श्रेणी B व B+ में कुल परियोजना लागत का 20 प्रतिशत (विनिर्माणक गतिविधि के लिए अधिकतम रु.5 लाख तथा सेवा व व्यावसायिक गतिविधि के लिए रु.2 लाख) तथा श्रेणी C व D में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (विनिर्माणक गतिविधि के लिए अधिकतम रु.3.75 लाख तथा सेवा व व्यवसायिक गतिविधि के लिए रु.1.50 लाख), उक्त में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देय होगी।

3. उद्यम के 2 वर्ष तक सफल संचालन के उपरान्त मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जायेगी।

4. सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में बैंक में जमा करना होगा। विशेष श्रेणी (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, भूतपूर्व सैनिक, महिला एवं दिव्यांगजन) के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 5 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।

5. कुल परियोजना लागत में पूंजी व्यय (भूमि क्रय की लागत को छोड़कर) और कार्यशील पूंजी का एक चक्र शामिल होगा। परियोजना लागत में किराये पर वर्कशॉप/वर्कशेड लिए जाने को सम्मिलित किया जा सकता है, परन्तु भूमि क्रय की लागत को परियोजना लागत में सम्मिलित नहीं किया जायेगा।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए पात्रता –

1. इस योजना का लाभ लेने हेतु आवेदक की आयु आवेदन के समय कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।

2. Mukhyamantri Swarojgar Yojana योजना का लाभ लेने हेतु व्यक्ति की शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है।

3. इस योजनान्तर्गत उद्योग सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी।

4. इस योजना का लाभ वही आवेदक या इकाई ले पाऐगी जो पूर्व में किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था / सहकारी बैंक या संस्था इत्यादि का चूककर्ता (defaulter) नहीं होगा।

5. इस योजना का लाभ लेने हेतु यह अनिवार्य है कि आवेदक द्वारा विगत 5 वर्ष के भीतर भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का पूर्व में लाभ प्राप्त नहीं किया गया हो, किन्तु यदि किसी आवेदक द्वारा 5 वर्ष पूर्व भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना में लाभ प्राप्त किया गया और वह चूककर्ता (defaulter) नहीं है, तो वह अपने उद्यम के विस्तार के लिए योजनान्तर्गत वित्त पोषण प्राप्त कर सकता है।

6. इस योजनान्तर्गत आवेदक अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को योजनान्तर्गत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जायेगा।

7. आवेदक द्वारा पात्रता की शर्तों को पूर्ण किये जाने के सम्बन्ध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया जाना होगा।

8. विशेष श्रेणी (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, भूतपूर्व सैनिक, महिला एवं दिव्यांगजन) के लाभार्थियों के लाभ हेतु सक्षम प्राधिकारी विशेष श्रेणी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्रों की प्रमाणित प्रति आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा।

9. लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट व्यवहार्यता देखते हुए “पहले आयें पहले पायें” (First Come First Serve) के आधार पर किया जायेगा।

उत्तराखंड मुख्मंत्री स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज-

1. मूल निवासी प्रमाण पत्र
2. पासपोर्ट साइज फोटो
3. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
4. आधार कार्ड कॉपी
5. शपथ पत्र (निर्धारित प्रारूप के अनुसार)
6. शिक्षा का प्रमाण पत्र
7. बैंक डिटेल कॉपी
8. जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
9. दिव्यांग प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
10. राशन कार्ड कॉपी

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत वित्तीय मदद-

विनिर्माण क्षेत्र परियोजना लागत (सीमा) रुपये 25 लाख
सेवा क्षेत्र परियोजना लागत (सीमा) रुपये 10 लाख
व्यापार क्षेत्र परियोजना लागत (सीमा) रुपये 10 लाख

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