CAA कानून भारत की संसद द्वारा पारित एक महत्वपूर्ण नागरिकता संबंधित कानून है। इस नागरिकता संशोधन अधिनियम के माध्यम से विभिन्न वर्गों की वर्षों की माँग एक ओर सरकार पूरी कर रही है तो दूसरी ओर एक समुदाय विशेष में इस कानून को लेकर डर का माहौल भी बना हुआ है। Citizenship Amendment Act (CAA) के अंतर्गत आने वाले सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को इस ब्लॉग के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे और साथ ही लोगों के बीच फैलाए जा रहे झूठ व डर के माहौल को भी दूर करने की कोशिश करेंगे। इस ब्लॉग में हम भारत के सबसे अधिक चर्चित कानून CAA के विषय में विस्तृत जानकारी हासिल करेंगे। भारतीय संविधान के तहत, नागरिकता एक महत्वपूर्ण विषय है। अतः नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) एक ऐतिहासिक कदम है।
CAA क्या है?
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जिसका पूर्ण रूप (Citizenship Amendment Act) है, एक नागरिकता देने का कानून है। CAA कानून के अंतर्गत अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, और ईसाई समुदायों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। CAA कानून लाना भारत का एक बड़ा एंव ऐतिहासिक कदम है जिसका उद्देश्य उन लोगों को संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करना है जो अपने धार्मिक या दायित्वों के कारण अपने देशों से भागकर भारत आए हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए उन शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर रह रहें हैं। इसके तहत छह धार्मिक अल्पसंख्यकों जिनमें हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं को नागरिकता दी जाएगी। अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने हेतु नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है।
CAA के प्रमुख प्रावधान
CAA (Citizenship Amendment Act) के अंतर्गत आने वाले मुख्य प्रावधानों की बात करें तो यह स्पष्ट है कि इस कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए केवल उन अवैध प्रवासी हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता मिलेगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे। अपने-अपने देशों में अल्पसंख्यक, इन लोगों को धार्मिक व अन्य प्रकार के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। अपने जीवन रक्षा व संरक्षण के लिए इन्होंने भारत का रूख किया था। कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नागरिक द्वारा किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। CAA के अंतर्गत प्रावधानों की बात करें तो भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी 11 वर्ष भारत में रहना चाहिए। कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है।
CAA कब लागू हुआ?
भारत की संसद से यह नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया तथा 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था। परंतु कोरोना काल की वजह इसे लागू करने में देरी हो गई। अतः भारत सरकार ने इसी हफ्ते 11 मार्च को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू कर दिया है। जिससे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता मिलेगी।
CAA का भविष्य
यकीनन जिन उद्देश्यों के लिए CAA कानून को सरकार ने लागू किया है उन उद्देश्यों को ध्यान में रखें तो इससे वर्षों से अपने ही देश में गैरों की तरह रह रहे, तिरस्कारपूर्ण जीवन जी रहे हैं हिंदुओं को उनका हक मिल जाऐगा। अपने देश में वो सारी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगें। दूसरी तरफ CAA कानून की मदद से देश में हो रही घुसपैठ पर भी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा। बस शर्ते है लोग भ्रामक स्थिती पैदा करने वालों के झांसे में न आएँ।
CAA लागू करने के पीछे कारण
CAA कानून लागू करने के पीछे एकमात्र कारण जो समझ में आता है वो यह है कि इसके माध्यम से निराश्रित एंव तिरस्कारपूर्ण जीवन जी रहे एंव वर्षों से भारत में शरणार्थी बनकर रह रहे हिंदुओ को उन्हें सम्मान देना है। अपने ही देश में पराएपन के एहसास से जूझ रहे इन सबके जीवन में पुनः खुसहाली लेकर आया यह यह कानून इनके लिए एक नए जीवन की तरह है।
CAA नागरिकता देने का कानून है न कि छीनने का
लोगों में CAA (Citizenship Amendment Act) को लेकर विभिन्न प्रकार के अफवाहों की वजह से डर का माहौल बनाया जा रहा है। भोली जनता को राजनीतिक पार्टीयों व नेताओं ने अपनी राजनीति के लिए बरगलाने का काम किया है। जनता को CAA कानून के बारे में जानकारी का आभाव है। उन्हें देश के दुश्मनों के द्वारा यह महिमामंडित किया जा रहा है कि इस कानून के बन जाने से उनकी नागरिकता चली जाऐगी और उन्हें भारत देश से बाहर निकाल दिया जाऐगा। अतःविभिन्न प्रकार से CAA के लिए देशव्यापी नकारात्मक माहौल बनाया गया है। जानकारी की कमी, धार्मिक भेदभाव पैदा करने की मंशा ने ही मुस्लिमों के मन में डर पैदा कर दिया है जबकि ऐसा कुछ नहीं है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, भारत के तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता का अधिकार देने का कानून है। नागरिकता छीनने का नहीं। अतः CAA के लागू होने से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। अतः किसी भी समुदाय को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
CAA कानून में मुस्लिमों को शामिल क्यों नहीं किया गया?
CAA कानून में तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान, व बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों को जिनको उनके देशों में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया गया, उनको नागरिकता देने का प्रावधान है। इसमें मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इन देशों में मुस्लमान अल्पसंख्यक नहीं है और न ही उन्हें किसी प्रकार की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है।
CAA कानून के तहत किस-किस धर्म लोगों को मिलेगी नागरिकता?
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA के माध्यम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाऐगी।
भारतीय नागरिकता लेने के लिए कहाँ आवेदन करें
CAA कानून के तहत आप नागरिकता लेने हेतु भारत सरकार के Indian Citizenship Online Portal पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। Portal नीचे दिया जा रहा है। https://indiancitizenshiponline.nic.in/
CAA कानून को लेकर क्या कोई टोल फ्री नंबर जारी किया गया है?
हाँ जी। नागरिकता के लिए आवेदन करने में अगर आपको कोई समस्या आ रही है तो आप भारत सरकार द्वारा जारी Toll-free Helpline number – 1032 पर फोन करके मदद माँग सकते हो।
FAQs
CAA लागू करने के पीछे सरकार की दूर दृष्टिकोण एंव मजबूत इच्छा शक्ति
यह मोदी सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति ही है जो पिछले 10 वर्षों के कार्यालय में इस सरकार ने राष्ट्रीय भावनाओं का सम्मान करते हुए कई महत्वपूर्ण कानूनों को संसद से पारित किए हैं। उसी क्रम में Citizenship Amendment Act (CAA) भी वर्ष 2019 से 2024 के कार्यकाल का मोदी सरकार का महत्वपूर्ण कानून है जिसे संपूर्ण भारत में लागू कर दिया गया है। इस कानून के पीछे मोदी सरकार की कोशिश है कि वर्षों से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए निराश्रित एंव तिरस्कारपूर्ण जीवन जी रहे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को नागरिकता देकर उनका खोया हुआ सम्मान वापिस लौटाया जाए व इनको भी मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिले जिसके लिए यह वर्षों से वंचित थे।
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