नैना देवी हिमालयी बर्ड कन्जवेशन रिजर्व | Naina Devi Himalayan Bird Conservation Reserve

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नैना देवी हिमालयी बर्ड कन्जवेशन रिजर्व
Naina Devi Himalayan Bird Conservation Reserve

स्थापना - 2015
क्षेत्रफल - 111.91 वर्ग किमी
अवस्थिति - नैनीताल
Naina Devi Himalayan Bird Conservation Reserve
चीर तीतर – नैनादेवी की एक प्रमुख प्रजाति

पक्षियों के संरक्षण हेतु उत्तराखंड के नैनीताल में 21224.56 वर्ग हेक्टेयर क्षेत्र फैले नैना देवी हिमालयी बर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व की स्थापना वर्ष 2015 में की गई। यहाँ देश के कुल 1263 पक्षी प्रजातियों के सापेक्ष 600 पक्षी प्रजातियाँ मिलती हैं।

  • Naina Devi Himalayan Bird Conservation Reserve को 2015 में नेशनल ज्योग्राफिक ट्रैवलर पत्रिका के एक संस्करण में वर्ल्ड पैराडाइज के रूप में दिखाएं दिखाया गया।
  • लगभग विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हिमालयी बटेर को आखरी बार पक्षी प्रेमियों ने 1876 में नैनीताल के आसपास क्षेत्र में भ्रमण करते हुए देखा था और कई उत्साही पक्षी प्रेमी और बर्डवाचिंग करने वाले लोग यह उम्मीद लगाए हैं की बटेर अभी भी नैनीताल के इस वातावरण में कहीं आसपास हो सकता है।
  • पक्षी प्रेमियों की इस उम्मीद को बल तब मिला जब उत्तराखंड सरकार द्वारा 9 मार्च 2015 को नैनीताल के जंगलों को एक पक्षी संरक्षण रिजर्व के रूप में संरक्षित किया गया। नैना देवी हिमालयन पक्षी संरक्षण रिजर्व का नाम स्थानीय देवी ‘नैना देवी’ के नाम पर रखा गया है। उत्तराखंड सरकार द्वारा अधिसूचित यह पक्षी रिजर्व कुमाऊं मण्डल के नैनीताल जिले में 111.9 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ एक खूबसूरत पक्षी रिजर्व है।
  • कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले के इन जंगलों को संरक्षण रिजर्व घोषित करने के पीछे का कारण इस क्षेत्र का पारिस्थितिक महत्व है विलुप्त होते हिमालय बटेर को छोड़कर यहां कई और अन्य पक्षी प्रजातियां भी मौजूद हैं जो इस क्षेत्र के महत्व को और अधिक बढ़ा देते हैं जिनमें Hill Partridge, Chukar Partridge, Koklass Pheasant, Khalij Pheasant, Rufous Sibia, Red-billed Leiothrix, Black-chinned Babbler, Chestnut-bellied Nuthatch, Black-throated Tit, Rock Bunting, Green-tailed Sunbird, और Yellow-breasted Greenfinch मौजूद हैं।
  • पक्षियों के अलावा इस क्षेत्र में barking deer, sambar deer, yellow-throated marten, Himalayan goral, serow और leopard आदि की उपस्थिति भी दर्ज की गई है।
  • यह क्षेत्र हिमालय में उगने वाली वनस्पतियों की दृष्टि से भी समृद्ध है। यहाँ बलूत व बुराँस के पेड़ अच्छी खासी संख्या में पाए जाते हैं।
  • नैनीताल के खूबसूरत जंगल को पक्षी संरक्षण रिजर्व घोषित करने के पीछे विलुप्त होते पक्षियों के संरक्षण के अलावा एक अन्य विचार पक्षी प्रेमियों व पर्यटकों को यहाँ आकर्षित करना था, जिससे कि इस क्षेत्र के आसपास निवास कर रही स्थानीय जनता को रोजगार के माध्यम से फायदा पहुंचाया जा सके व साथ ही अत्यधिक बढ़ते रिजॉर्ट्स यहाँ की बुनियादी ढांचे को बिगाड़ रहे थे जिससे कि क्षेत्र का पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ रहा था।
  • नैना देवी हिमालयी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व (Naina Devi Himalayan Bird Conservation Reserve) की स्थापना से इस क्षेत्र की जैव विविधता का संरक्षण हो रहा है एवं इको टूरिज्म के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।

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संदर्भ | Reference
https://www.conservationindia.org/articles/indias-newest-bird-conservation-reserve-opens-in-uttarakhand

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